Mutual Funds के नियमों में आ रहा है बदलाव, SEBI ने जारी किया नोटिफिकेशन; MF निवेशक पढ़ लें ये खबर
सेबी ने इसके लिये म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन किया है. सेबी के नए नियम म्यूचुअल फंड यूनिटहोल्डर्स के लाभांश और यूनिट बेचने से मिली राशि के ट्रांसफर के मामले में असेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) के लिये हैं. नये रेगुलेशन 15 जनवरी से लागू होंगे.
Mutual Funds Regulations: शेयर बाजार की रेगुलेटरी संस्था SEBI (Securities and Exchange Board of India) म्यूचुअल फंड के नियमों में संशोधन का नोटिफिकेशन जारी किया है. सेबी ने गुरुवार को म्यूचुअल फंड यूनिटहोल्डर्स के लिये डिविडेंड ट्रांसफर और रिडेम्प्शन प्रोसीड पर नए नियम नोटिफाई किए. सेबी के नए नियम म्यूचुअल फंड यूनिटहोल्डर्स के लाभांश और यूनिट बेचने से मिली राशि के ट्रांसफर के मामले में असेट मैनेजमेंट कंपनियों (Asset Management Companies) के लिये हैं. नये रेगुलेशन 15 जनवरी, 2023 से लागू होंगे.
क्या होंगे सेबी के नए नियम
कंपनियों को रिडेम्प्शन ट्रांसफर और रीपरचेज प्रोसीड को समय-समय से करना होगा, जो बोर्ड तय करेगा, वर्ना कंपनियों को यूनिटहोल्डर्स को ब्याज देना होगा. ऐसा न करने पर कार्रवाई भी होगी. रिडेम्पशन ट्रांसफर, रीपरचेज प्रोसीड और डिवीडेंड की रकम का ऑनलाइन पेमेंट करना होगा. इसके साथ सभी ट्रांजेकशन का रिकॉर्ड रखना होगा.
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
इंट्राडे में तुरंत खरीद लें ये स्टॉक्स! कमाई के लिए एक्सपर्ट ने चुने बढ़िया और दमदार शेयर, जानें टारगेट और Stop Loss
Adani Group की रेटिंग पर Moody's का बड़ा बयान; US कोर्ट के फैसले के बाद पड़ेगा निगेटिव असर, क्या करें निवेशक?
टूटते बाजार में Navratna PSU के लिए आई गुड न्यूज, ₹202 करोड़ का मिला ऑर्डर, सालभर में दिया 96% रिटर्न
सेबी ने नये नियम के तहत हर म्यूचुअल फंड और मनी मैनेजमेंट कंपनी को यूनिटहोल्डर्स को डिविडेंड का ट्रांसफर और यूनिट भुनाने या रीपरचेज अमाउंट सेबी की तरफ से तय पीरियड के अंदर ट्रांसफर करने की जरूरत होगी. अगर भुनायी गयी राशि निर्धारित अवधि में ट्रांसफर नहीं की जाती है, तो इससे जुड़ी असेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) को विलंब के अनुसार ब्याज भुगतान करना होगा.
सेबी ने कहा, ‘‘यूनिटहोल्डर्स को डिविडेंड या यूनिट बेचने से मिली राशि के ट्रांसफर में देरी के एवज में ब्याज भुगतान के बावजूद एएमसी के खिलाफ इस देरी के लिये कार्रवाई की जा सकती है.’’ इसने आगे कहा कि रीपरचेज (म्यूचुअल फंड को यूनिट की बिक्री) या डिविडेंड पेमेंट फिजिकल तौर पर केवल असाधारण स्थितियों में भेजा जाएगा और एएमसी के लिए फिजिकली भेजे जाने वाले ऐसे सभी मामलों के कारणों के साथ रिकॉर्ड बनाए रखना जरूरी होगा.
इनसाइडर ट्रेडिंग पर और सख्ती
एक अलग खबर में, सेबी की तरफ से इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) को लेकर और सख्ती दिखाई जा सकती है. इनसाइडर ट्रेडिंग को रोकने के लिए सेबी ने एक बड़ा कदम उठाया है. ज़ी बिजनेस को मिली जानकारी के मुताबिक, आज तक इंटरमीडिएट्री और एक्सचेंजों का फिजिकल इंस्पेक्शन होता था लेकिन अब सेबी ने पहली बार कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन करने का फैसला किया है. अब सेबी की तरफ से BSE-NSE दोनों ही एक्सचेंजों को लगभग टॉप 200 कंपनियों के स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस की जांच करने का आदेश दिया गया है और ये काम इस साल के दिसंबर महीने तक पूरा करना है.
(भाषा से इनपुट के साथ)
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
05:31 PM IST